Today Gold Price: त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही बुलियन मार्केट में जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी बनी हुई है। आइए जानें कि 3 अक्टूबर को सोने-चांदी की कीमतों में क्या बदलाव आए हैं और यह किस तरह से आम लोगों और निवेशकों को प्रभावित कर सकता है।
दिल्ली के सर्राफा बाजार का हाल
नवरात्रि के पहले दिन राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने के भाव में तेजी देखी गई। ग्राहकों को अब सोने के लिए पहले से अधिक कीमत चुकानी होगी। आइए देखें विभिन्न कैरेट के सोने की कीमतों में क्या बदलाव आया है:
- 22 कैरेट सोना:
- 10 ग्राम: 100 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 71,250 रुपये
- 100 ग्राम: 1,000 रुपये की वृद्धि के साथ 7,12,500 रुपये
- 24 कैरेट सोना:
- 10 ग्राम: 110 रुपये की उछाल के साथ 77,710 रुपये
- 100 ग्राम: 7,77,100 रुपये
- 18 कैरेट सोना:
- 10 ग्राम: 80 रुपये की मजबूती के साथ 58,300 रुपये
- 100 ग्राम: 5,83,000 रुपये
यह वृद्धि दर्शाती है कि त्योहारी सीजन में सोने की मांग बढ़ी है, जिसके कारण कीमतों में तेजी आई है।
अन्य प्रमुख शहरों में सोने का भाव
सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। आइए जानें कुछ प्रमुख शहरों में सोने के भाव:
- बेंगलुरु:
- 22 कैरेट: 7,110 रुपये प्रति ग्राम
- 24 कैरेट: 7,756 रुपये प्रति ग्राम
- चेन्नई:
- 22 कैरेट: 7,110 रुपये प्रति ग्राम
- 24 कैरेट: 7,756 रुपये प्रति ग्राम
- लखनऊ:
- 22 कैरेट: 7,125 रुपये प्रति ग्राम
- 24 कैरेट: 7,771 रुपये प्रति ग्राम
- जयपुर:
- 22 कैरेट: 7,125 रुपये प्रति ग्राम
- 24 कैरेट: 7,771 रुपये प्रति ग्राम
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि पूरे देश में सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है, हालांकि विभिन्न शहरों में मामूली अंतर देखने को मिल रहा है।
घरेलू वायदा बाजार का रुख
जहां एक ओर फिजिकल मार्केट में सोने की कीमतें बढ़ी हैं, वहीं घरेलू वायदा बाजार में थोड़ी गिरावट देखी गई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 3 अक्टूबर को सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई:
- अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट: लगभग 131 रुपये की गिरावट के साथ 75,535 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है।
चांदी की कीमतों में मजबूती:
- MCX पर दिसंबर वायदा: लगभग 440 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 91,814 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा है।
यह अंतर फिजिकल और वायदा बाजार के बीच के अंतर को दर्शाता है, जो कि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव का परिणाम हो सकता है।
वैश्विक बाजार का प्रभाव
वैश्विक बुलियन मार्केट भी मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव से प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों की नजर इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर है। वैश्विक स्तर पर:
- कॉमेक्स पर सोना: 2,675 डॉलर प्रति औंस के आसपास स्थिर
- चांदी: 32 डॉलर प्रति औंस के करीब
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि वैश्विक स्तर पर सोने और चांदी की कीमतें अभी स्थिर हैं, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव इन्हें प्रभावित कर सकते हैं।
त्योहारी सीजन का प्रभाव
नवरात्रि के आगमन के साथ, सोने की मांग में वृद्धि देखी जा रही है। भारतीय संस्कृति में सोना शुभ माना जाता है, और त्योहारों के दौरान इसकी खरीदारी बढ़ जाती है। इस बढ़ी हुई मांग का प्रभाव कीमतों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
निवेशकों और खरीदारों के लिए सुझाव
- सतर्क रहें: कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, इसलिए खरीदारी करते समय सावधानी बरतें।
- लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें: अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं, लंबी अवधि के निवेश पर फोकस करें।
- विविधीकरण: सिर्फ सोने पर निर्भर न रहें, अपने निवेश को विविध रखें।
- गुणवत्ता सुनिश्चित करें: खरीदारी करते समय हमेशा प्रमाणित विक्रेताओं से ही सोना खरीदें।
- बजट बनाएं: त्योहारी सीजन में भावनाओं में बहकर अधिक खर्च न करें, अपना बजट पहले से तय करें।
भविष्य की संभावनाएं
आने वाले समय में सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी देखी जा सकती है। त्योहारी सीजन, वैश्विक अस्थिरता, और आर्थिक अनिश्चितताएं सोने की मांग को बढ़ा सकती हैं। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि बाजार हमेशा अप्रत्याशित होता है, और कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
सोने की कीमतों में वर्तमान वृद्धि त्योहारी सीजन की मांग और वैश्विक कारकों का संयुक्त परिणाम है। यह समय निवेशकों और खरीदारों के लिए सतर्क रहने का है। जहां एक ओर यह अवसर प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर सावधानी बरतने की आवश्यकता भी है।
सोने में निवेश या खरीदारी करते समय, व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों, बाजार की स्थिति, और दीर्घकालिक आर्थिक संकेतकों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। सोना भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसकी कीमतों में होने वाले बदलाव न केवल व्यक्तिगत निवेशकों बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करते हैं।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि सोने की कीमतों में यह उछाल एक अस्थायी घटना हो सकती है या एक लंबी अवधि की प्रवृत्ति की शुरुआत हो सकती है। समय ही बताएगा कि आगे क्या होगा। फिलहाल, सतर्क और सूचित रहना ही सबसे अच्छी रणनीति है।